यह काम ही तो सृष्टि की आदि तरंग है ।काम है तो सृष्टि हंसती है ,खिलखिलाती है ,गुनगुनाती है ।चारों और चहल पहल रहती है ।पक्षी चहचहाते हैं,फूल मुस्कुराते हैं ,जड़ जंगम चेतन रहता है ,गतिशील रहता है ।वह मदन (नशीला )है ,पुष्पधन्वा है ,अनंग (न +अंग)है,मन्मथ,मनोज,मार ,कंदर्प ,मनसिज,रतिनाथ,मीनकेतु,,रतिपति https://youtu.be/GLUJtWfs218
Kandev vashikaran Options
Internet 2 hours 21 minutes ago richardf050vpj8Web Directory Categories
Web Directory Search
New Site Listings